Friday, 29 May 2020

मैं और तुम

मैं एक छोटा सा तारा हुं, तुम सारा आसमान हो 
मैं एक जमिन, तुम पुरा ब्रम्हाणड हो 
मैं अज्ञानी, तुम ज्ञान का भंडार हो 
मैं नासमझ ,तुम कितने समझदार हो
मैं सवाल हुं कहीं , तो तुम उसका जवाब हो 
मैं कभी ग़म तो तुम खुशी का खजाना हो 
मैं कलम , तुम उससे लिखि कविता हो 
मैं अल्हड़, तुम एक सुलझे हुए इंसान हों 
मैं नदी, तुम उसका किनारा हो 
मैं एक शांत सी हवा, तो तुम उसमें समाया हुआ एहसास हो 
मेरी जिंदगी का हसिन राग हो ,
तुमसे ही तो दिन है मेरा, तुमसे ही हर रात है 
जिंदगी को एक हसिन मोड़ दे, ऐसे फरिश्ते से मेरे दिन की शुरुआत है ।

Tuesday, 26 May 2020

यादें बेटीयों की

अक्सर एक याद आंखों से बहती है,
वो याद बचपन की फिर हर लड़की की आंखों में झलकती है ।
पिता से हर ख्वाहिश पुरी होने पर वह  कीतना चहकती है, हर पिता को बेटी ने मांगी हुई चिज़ पुरी करने की जिद जो होती है ।

फिर वो लाड़ प्यार में जाने कब बड़ी हो जाती है ,कभी जो चेहरा मुरझा जाए उसका,तो पिता से ‌ही फिर हंसी लौट आती हैं ,जाने कब बेटी बड़ी हो जाती हैं

देखते ही देखते फिर विदाई हो जाती है और बेटी पराई हो जाती हैं
फिर उसे न‌‌ये रिश्तों की पहचान हो जाती हैं ,याद फिर भी मगर उन दिनों की बहुत आती है , बेटी भी कितने जल्दी पराई हो जाती है ।

बचपन वो किलकारी उसकी मायके में ही कहीं गुम हो जाती हैं , बेटी फिर बहु बन जाती है सबको साथ लेकर चलने वाली कहीं कहीं खुद अकेली पड़ जाती हैं , जाने कब बेटी बड़ी हो जाती हैं ।

बहु से फिर मां का सफर शुरू हो जाता है कितना कठीन उसका सफर होता है मायके से पराई ससुराल में कहीं सहमी सी वह अपने घर में भी परायों की तरह ना इधर की ना उधर की, बेटी जाने कब बड़ी हो जाती हैं ।

Saturday, 23 May 2020

खुश हुं

खुश‌ हुं जिंदगी में जो भी मिला उसमें खुश हुं
हर हाल में खुश ‌हुं‌, हर पल में खुश हुं ।

छोडकर‌ पिछला सब‌, आज‌ में खुश हुं
जिंदगी के हर मोड़ पर खुश हुं ।

जितना मिला उतने में खुश हुं
कमियां हैं जो भी उसे पहचान कर खुश हुं ।

रब के हर फैसले से खुश हुं
अपनी हर अदा से खुश हुं ।

अपने हर काम से‌ खुश हुं
अपनों से खुश हुं ।

कोई खुश हो या ना हो मुझसे,
मैं अपने में ही खुश हुं ।

अपनी बातो, अपने कर्मों से खुश हुं
जो ना मिला उसमें भी खुश हुं ।

कोई अपना माने या न माने,
मैं खुद मेरी होकर खुश हूं ।

प्यार मिले या ना मिले,
खुद से प्यार करके खुश हुं ।

अपनी खुशी से खुश हुं
खुश हुं खुश हुं हर हाल में खुश हुं ।।



Friday, 22 May 2020

जिंदगी

बदलती है जिंदगी हर मोड़ पर, एक हसिन रूख के बाद
जिंदगी एक पहेली है, जितना समझना चाहो उतना उलझती है
जिसने समझा वह खुश हैं,ना समझ अपने में ही मशरूफ हैं ।

हर मोड़ पर अलग आलम होता है, कभी ग़म तो कभी खुशियों का आगमन होता है, हर दिन में कुछ नया कभी अच्छा तो कभी बुरा होता है।

इन्सान ही फिर इन्सान से कितना खफा होता है, करके इतने विचार क्यो तु दुखी होता है, होने को तो हर दिन तेरा होता है,
कभी अच्छा तो कभी बुरा होता है ।

कितने अल्फाजों का बोझ होता है, कभी कोई सुनता है तो कभी अनसुना करता है । कितनी बातों को फिर मन में ही दफन करना होता है ।

जाने कौन यहां किसका होता है, सबका एक अपना अलग ही अंदाज होता है, कोई मुस्कुरा कर जिता है तो कोई कभी आंसु बाहाता है ।

अजीब दस्तुर है जिंदगी का खुश रहो तो अच्छा, नहीं तो सब कितना विरान और अकेला लगता है ।


                                          (मृणाली वाते ✍️)

Saturday, 9 May 2020

मन की बात

      चलो मन को हल्का किया जाए,
      जज़्बातो को अपने कागजों पर उकेरा जाए

     इससे आसान कोई तरीका नहीं,मन की बात कहने का
     इंसानों से अच्छा क्यों ना इसे कागजों पर उकेरा जाए ।।
   
   

       

Friday, 1 May 2020

मंजिल

  पाना है मंजिल को अपनी,पर  चहडते चहडते गिर ना जाऊ
  कैसे पहुंचु लक्ष्य तक  अपने कहीं  फिसल ना जाऊ ।।