बदलती है जिंदगी हर मोड़ पर, एक हसिन रूख के बाद
जिंदगी एक पहेली है, जितना समझना चाहो उतना उलझती है
जिसने समझा वह खुश हैं,ना समझ अपने में ही मशरूफ हैं ।
हर मोड़ पर अलग आलम होता है, कभी ग़म तो कभी खुशियों का आगमन होता है, हर दिन में कुछ नया कभी अच्छा तो कभी बुरा होता है।
इन्सान ही फिर इन्सान से कितना खफा होता है, करके इतने विचार क्यो तु दुखी होता है, होने को तो हर दिन तेरा होता है,
कभी अच्छा तो कभी बुरा होता है ।
कितने अल्फाजों का बोझ होता है, कभी कोई सुनता है तो कभी अनसुना करता है । कितनी बातों को फिर मन में ही दफन करना होता है ।
जाने कौन यहां किसका होता है, सबका एक अपना अलग ही अंदाज होता है, कोई मुस्कुरा कर जिता है तो कोई कभी आंसु बाहाता है ।
अजीब दस्तुर है जिंदगी का खुश रहो तो अच्छा, नहीं तो सब कितना विरान और अकेला लगता है ।
(मृणाली वाते ✍️)
जिंदगी एक पहेली है, जितना समझना चाहो उतना उलझती है
जिसने समझा वह खुश हैं,ना समझ अपने में ही मशरूफ हैं ।
हर मोड़ पर अलग आलम होता है, कभी ग़म तो कभी खुशियों का आगमन होता है, हर दिन में कुछ नया कभी अच्छा तो कभी बुरा होता है।
इन्सान ही फिर इन्सान से कितना खफा होता है, करके इतने विचार क्यो तु दुखी होता है, होने को तो हर दिन तेरा होता है,
कभी अच्छा तो कभी बुरा होता है ।
कितने अल्फाजों का बोझ होता है, कभी कोई सुनता है तो कभी अनसुना करता है । कितनी बातों को फिर मन में ही दफन करना होता है ।
जाने कौन यहां किसका होता है, सबका एक अपना अलग ही अंदाज होता है, कोई मुस्कुरा कर जिता है तो कोई कभी आंसु बाहाता है ।
अजीब दस्तुर है जिंदगी का खुश रहो तो अच्छा, नहीं तो सब कितना विरान और अकेला लगता है ।
(मृणाली वाते ✍️)
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